उसकी हसरत को मेरे दिल में लिखने वाले...
क़ाश उसे भी मेरे नसीब में लिखा होता....!!😢
शायरी समझते हो__जिसे तुम सब...
वो मेरी किसी से_अधूरी शिकायतें है।।
तु मिले या ना मिले ये अलग बात है, पर हम तुझे दुआओं में भी ना मांगे ये तो गलत बात है...
ढूँढू कैसे अक्स मेरा ,
खुद से ही जुदा हूँ
उसी से दूर हूँ मैं ,
जिसके लिए जियी हूँ
जानकर भी सबकुछ
अंजाना है जैसे मेरे लिए
उस से दूर होकर न जाने
मैं क्या बन चुकी हूँ !!
माना कि दुनिया खुबसूरती की दिवानी है,
मगर कभी कभी किसी की बातों से भी बेहद प्यार हो जाता है,
एक अनजान सा शख्स यार हो जाता है....
लगने दो महफ़िल आज शायरी की
जुबां करते हैं.......
तुम ग़ालिब की किताब उठाओ..हम
हाले दिल बयाँ करते हैं ...!!!
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