तुम्हारे कंधे पे सर रख के बात करूं...
कुछ इस तरह के ख्वाब थे मेरे...!!
बहोत कमजोर है आजकल के रिश्ते सारी जिंदगी साथ देने का वादा करके साथ छोड़ देते हैं
उन्हें भरम है कि मुंह फेर लेने से भूल जायेंगे हमें,
कौन समझाये उन्हें कि आंख मूंदने से रात नहीं होती.
हम उनकी हर ख्वाहिश
पूरी करने का वादा कर बैठे,
हमें क्या पता था
हमें छोड़ना ही एक ख्वाहिश थी😢
जो माँगते हैं दुआएँ उम्र-दराज़ की ..!
उन्हें समझाओ के जीना कोई मज़ाक़ नहीं ..!!
ये मत पूछ के एहसास की शिद्दत क्या थी
धूप ऐसी थी के साए को भी जलते देखा...💔
दो शख्स रहने लगे है इस जिस्म में ,
एक वह जो दीखता है और एक वह जो लिखता है...💔
तेरे जाने के बाद खो गए है दोनों मैं दिल को ढूंढ़ता हु और दिल तुम्हे...💔
अजीब रंगों मैं गुज़री है मेरी ज़िंदगी दिलों पर राज़ किया पर मोहब्बत को तरस गया...💔
ये नक़ाब तुम्हारे झूठ का उतरेगा जिस दिन,
खुद से नज़रें मिलाने को तरसोगे उस दिन...💔
बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने कि,
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता.....💔
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